डायबिटीज़
डायबिटीज़ का इलाज संभव है, अगर कोई चाहे तो.!
स्वास्थ्य विभाग के सर्वे के अनुसार भारत में लगभग 10 करोड़ के आसपास या उससे भी ज्यादा लोगों को डाइबिटीज़ है या वो बॉर्डर लाइन पर है...
और यह समस्या अधिकतर लोगों में दिनोंदिन बढ़ रही है।
हर 2 मिनट में एक आदमी डायबिटीज से मर जाता है और कॉम्प्लीकेशंस भी बहुत से होना शुरू हो जाते हैं जैसे...
किसी की किडनी खराब हो रही है,
किसी का लीवर खराब हो रहा है,
किसी को लकवा हो रहा है,
किसी को ब्रेन स्ट्रोक हो रहा है,
किसी को हार्ट अटैक आ रहा है..
कुल मिलाकर डायबिटीज़ होने के पश्चात अनेक प्रकार के कॉंप्लिकेशन शरीर में आने से व्यक्ति और ज्यादा बीमार हो जाता है।
मधुमेह या चीनी की बीमारी एक खतरनाक रोग है अगर उसे सही ढंग से न सम्हाला जाये.!
रक्त ग्लूकोज स्तर या ब्लड शुगर लेवल बढा़ हुआ मिलता है, यह रोग मरीजों के (रक्त मे गंदा कोलेस्ट्रॉल) अवयव के बढने के कारण होता है।
इन मरीजों में आँखों, गुर्दों, स्नायु, मस्तिष्क, हृदय के क्षतिग्रस्त होने से इनको गंभीर, जटिल, घातक रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
भोजन पेट में जाकर एक प्रकार के ईंधन में बदलता है जिसे ग्लूकोज कहते हैं। यह एक प्रकार की शर्करा होती है।
ग्लूकोज हमारे रक्त धारा में मिलता है और शरीर की लाखों कोशिकाओं में पहुंचता है।
पैंक्रियाज/अग्नाशय (Pancreas) इन्सुलिन उत्पन्न करता है।
इन्सुलिन भी रक्तधारा में मिलता है और कोशिकाओं तक जाता है।
मधुमेह बीमारी का असली कारण जब तक आप लोग नहीं समझेंगे तब तक आपकी मधुमेह कभी भी ठीक नहीं हो सकती है।
जब आपके रक्त में वसा, फैट या चरबी (गंदे कोलेस्ट्रोल) की मात्रा बढ जाती है तब रक्त में मौजूद कोलेस्ट्रोल कोशिकाओ के चारों तरफ चिपक जाता है और खून में मौजूद जो इन्सुलिन है वह कोशिकाओं तक नही पहुँच पाता है (इंसुलिन की मात्रा तो पर्याप्त होती है किन्तु इससे द्वारो को खोला नहीं जा सकता है, अर्थात पूरे ग्लूकोज को ग्रहण कर सकने के लिए रिसेप्टरों की संख्या कम हो सकती है) वो इन्सुलिन शरीर के किसी भी काम में नही आता है।
जिस कारण जब हम शुगर लेवल चैक करते हैं तो शरीर में हमेशा शुगर का स्तर बढा हुआ ही होता है क्योंकि वो कोशिकाओं तक नहीं पहुंची जबकि जब हम बाहर से इन्सुलिन लेते हैं तब वो इन्सुलिन नया-नया होता है तो वह कोशिकाओं के अन्दर पहुँच जाता है।
अब आप समझ गये होंगे कि मधुमेह का रिश्ता कोलेस्ट्रोल से है न कि शुगर से।
मधुमेह रोग में प्रारम्भिक अवस्था में तो भूख बहुत लगती है लेकिन धीरे-धीरे भूख कम हो जाती है।
शरीर सुखने लगता है एवं कब्ज की शिकायत रहने लगती है।
बार बार बहुत अधिक प्यास लगती है।
अधिक पेशाब आना और पेशाब में चीनी आना शुरू हो जाती है और रोगी का वजन कम होता जाता है।
शरीर में कहीं भी जख्म या घाव होने पर वह जल्दी नहीं भरता।
तो ऐसी स्थिति में क्या करें ??
कुदरती नुस्खे अपनाइये क्योंकि....
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विशेषज्ञों के अनुसार आपको इन्सुलिन पर ज्यादा निर्भर नहीं रहना चाहिए क्योंकि इन्सुलिन डाईबिटीज से भी ज्यादा खराब और खतरनाक है।
शरीर पर इसके दुष्प्रभाव भी बहुत है।
आइये ड्रगलेस थेरेपी अपनाइये और डायबिटीज रोग मुक्त हो जाइये...
अगर आप डायबिटीज रोग मुक्त होना चाहते हैं तो जल्दी से जल्दी सम्पर्क करें अन्यथा लेट हो सकते हैं।
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